शुद्ध के लिये युद्ध

शपथ नामा: आपसी कलह सुलझाने की असफल कोशिश
-ऋषभ इंटरप्रोईजेज पर हुई कार्यवाही नटवरलाल की दुश्मनी, पूर्व की कसम की तरह ना हो जाये पत्रकारों के समक्ष ली कसम
मुरैना। गत दिवस मुरैना में खाद्य तेलों के करीब 28 उत्पादक मिल मालिकों ने मिलर्स ऐसोसियेशन की छत्त के नीचे स्थानीय टीआर पुरम में अग्रवाल सेवा सदन में एक बैठक आयोजित की। अपने आपको निर्दोष साबित करने के लिए इसमें शहर के लगभग सभी खबरनवीस पत्रकार व संपादकों को न्यौता भेजा गया। बैठक के दौरान पत्रकारों के दबाव में भारी मन से मिलर्स ऐसोसियेशन व व्यापार मंडल के आजीवन संरक्षक रमेश गर्ग के आव्हान पर सभी तेल मिल संचालकों ने कसम ली कि अब से वे सरसों तेल व अन्य खाद्य तेलों में मिलावट व कम तौल न करेंगे और न किसी को करने देंगे। यदि फिर भी कोई करता है तो प्रशासन के साथ मिलकर मिलावट और कम तौल करने वाले के खिलाफ कार्यवाही करायेंगे और सजा दिलवायेंगे। बाकई ये साहस भरा कदम है कि अब तक मिलावट और कम तौल को स्वीकार करते हुये ये हुंकार भरी कि बस अब आगे से गोरखधंधा नहीं चलेगा और न चलने दिया जायेगा। हालांकि तेल मिल मालिकों द्वारा कसम और शपथ लेने का ये पहला अवसर नहीं था, इससे पूर्व माननीय चीफ जस्टीस ऑफ वल्र्ड मतलब संसार के सबसे बड़े न्यायाधिपति व सरसों तेल में सदा डूबे रहने वाले भगवान शनिश्चरा महाराज के धाम ग्राम ऐंती में उनके सम्मुख कसमपत्री की रस्म अदायगी हो चुकी है। मगर कब किसका जमीर जाग जायेगा? या मर जाये? इसके बारे में तो कोई नहीं कह सकता और न ही कोई दावा किया जा सकता है। मगर फिर भी उन्होने कसम खाई है तो ये आम निरीह जनता के स्वास्थ के लिए एक वरदान ही है जो वर्षों से नकली मिलावटी सरसों तेल व अन्य खाद्य तेलों को खाकर असमय काल कल्वित हो गये या फिर भंयकर रोगों से ग्रसित होकर अपने मरने का इंतजार कर रहे हैं और बिमारियों पर मजबूरी में पैसा पानी की तरह बहाने पर मजबूर हैं। 
मगर सवाल उठता है कि अचानक इन तेल मिल मालिकों (जिनमें से कुछ पहले से ही मिलावट नहीं करते हैं उनको छोड़कर) का ह्रदय परिवर्तन हुआ है? या फिर इसकी कोई और वजह है? दरअसल इन दिनों मिलावट के खिलाफ जनता और विशेषकर पत्रकार जगत काफी आंदोलित और उद्देलित हैं। इन दिनों जिले से लेकर राज्य व देश के अखबार मुरैना के सरसों तेल व अन्य खाद्य तेलों में मिलावट व कम तौल से रंगे भरे पढ़े हैं। ये पहला दबाव है दूसरा दबाव रामजानकी मंदिर मार्केट के नीचे गद्दी सजाकर बैठा फर्जी बीलिंग किंग नटवरलाल द्वारा दनादन अपने दुश्मन मिल मालिकों के यहां अपने खास यार खाद्य सुरक्षा अधिकारी के मार्फत छापा-मारी कराना। चर्चित खाद्य अधिकारी द्वारा पवन ऑयल और ऋषभ इंटरप्राईजेज पर छापे-मारी इसी रामजानकी मंदिर के नीचे सजी गद्दी की ही एक रणनीति है। कहां किस मिल में किस जगह ऐंसैंस से भरी बोतल रखी हैं और कहां पर मिलावट तेल स्टोर किया गया है? ये बारीक जानकारी यहीं से खाद्य अधिकारी को सोंपी गई थी। इन नटवरलाल के और भी कई कारनामे हैं जिनका खुलासा भविष्य किया जाना अवश्यंभांवी है। बहरहाल यदि किसी दबाव में कसमनामा इन तेल मालिकों द्वारा लिया गया है? तो तय है कि यह दूसरा कसमनामा जो खबरनवीस और संपादकों को साक्षी मानकर लिया गया है तो निश्चित आपसी कलह को सुलझाने की कवायद ही है और फेल ही होगा और कुछ बदलने वाला नहीं होगा। केवल किरदार और घटना स्थल बदले माने जायेंगे पहले भगवान श्री शनिश्चरा घटना स्थल उनका मंदिर ग्राम ऐंथी और अब पत्रकार एवं संपादकगण घटना स्थल टीआर पुरम। मगर वास्विक ह्रदय परिवर्तन है तो निश्चित एक सुखमय जीवन का सपने का साकार होना जो हम, आप और देश के आम आदमी रोज देखते हैं शुद्ध खाद्य तेलों का बाजारों में बिकना।